मैं प्रीति एक मध्य वर्गीय परिवार से हूं और मुझे हमेशा सफेद एप्रन🥼 पहनना बहुत पसंद है और मेरा मनपसंद रंग सफेद है जब मैं 12वीं में पढ़ती थी तब मेरे भैया भी फार्मा करते थे उनका लैब कोट में बार-बार पहनती थी जब मैं लैब को पहनती थी तो मुझे डॉक्टर 👩🏻⚕️वाली फीलिंग महसूस होती थी मेरे गांव में लड़कियों को ज्यादा दूर पढ़ने के लिए नहीं भेजते थे उनका मानना था की लड़कियां बिगाड़❌ और मनमानी हो सकती है पर मेरे पापा ने सब कुछ अनदेखा कर मुझे नर्सिंग का कोर्स कराया डिप्लोमा इन नर्सिंग की पढ़ाई करने के लिए मैं अपने घर से दूर रहने लगी छात्रावास 🏢में मेरी पढ़ाई पूरी होने के बाद गांव के अन्य लोगों को पता चला कुछ लोग फिर वह अपनी लड़कियों को भी नर्सिंग करने के लिए भेजें मेरे अंदर कुछ करने का जुनून है इसलिए मैं अभी आगे भी पढ़ना चाहती हूं अभी तो मुझे हेडफोन 🎧से स्टेथोस्कोप 🩺तक का सफर पूरा करना है ✅ I am Future doctor
When I was joined my first school as a assistant teacher in basic education department where I saw poor students and villages real life and knew them very closely and I can say that I saw a real India very first time.
To see them in poor condition as tare clothes, bare foot and very very worse condition. Feel bad too much. And thought I can help them..whether it will be small help but I will and from then I do social work From my salary and doing it continuously.. As I go to Orphanage Age home and Old Age Home regularly and do what I can do for them.. And Now I have my own NGO SaRa_the helping hands foundation.. which will be registered soon. Sa is from my mothers name Sarita and Ra is from from my father’s name Ramesh. And hopefully I want to famous my parents name in social well-being. SaRa is my passion and I want to open SaRa Orphanage home and SaRa Old age home.
Thankyouuu so much.
मैं निशा देवी , हरियाणा के रोहतक शहर के गांव टिटौली की वासी हूं, पारिवारिक जीवन ज्यादा अच्छा न रहा, 8बहन भाइयों में मै सबसे छोटी हु,मेरी शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल मे ही हुई,एक मध्यम वर्गीय परिवार से रही, बचपन में ही पिता का साया सिर से उठने के बाद बड़े भाईयो ने ही सब कुछ किया, 20वर्ष की उम्र में ही शादी के कर दी गई, शादी के 1साल बाद बेटा हुआ,और 3साल बाद , मेरे सुसराल में आपसी कलह हुई और मेरे पति को इसके ही भाई और पूरी family ने मिलकर मार डाला, मै अपने बच्चे को साथ लेकर अपने घर आ गई,और case लडा,3साल case लड़ने के बाद मैं कैसे जीत गई और उसके भाई को उम्र कैद हुई,और मैने अपनी पढ़ाई आगे जारी रखते हुए, लगातार मेहनत की और 2016मे राजस्थान में senior Teacher और हरियाणा में lecture के पद पर चयनित हुई,आज मैं राजस्थान शिक्षा विभाग में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हूं, मैने सोचा सायद अब कोई दुःख न होगा,लेकिन 2020मे मेरी दूसरी शादी हुई और 2022में पुत्र प्राप्त हुआ लेकिन ये खुशी कब दुःख में बदल गई ,shyad ऊपर वाले को मंजूर नही था और फरवरी 2023मे मैने अपने 8माह k बेटे को खो दिया, उसके बाद मैं फिर गर्भवती हुई और 30नवंबर 2023को हमने अपने 5माह के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी abort करवाना pda, क्योंकि डॉक्टर ने रंगीन अल्ट्रा साउंड में हमे हमारे बच्चे के शारीरिक विकारों के बारे मे बताया, अब जिन्दगी मे बहुत सी चीजें छूट गई लेकिन अब भी मुझे कुछ करना है,मेरे पति मेरा बहुत साथ देते है, जिन्होंने मुझे अपनाया है